नरवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्श बना इमरजेंसी वार्ड , जमीन पर लिटाकर हुई मलहम पट्टी
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले का नरवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आज एक बार फिर शर्मसार हुआ है। 18 अप्रैल को हनुमान मंदिर के सामने करैरा रोड पर दो बाइकों की सीधी भिड़ंत में पाँच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घायलों को जब इलाज के लिए नरवर अस्पताल लाया गया, तब जो मंजर सामने आया, वो पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है।
घायलों की चीखें, डॉक्टरों की लापरवाही, और ज़मीन पर चलती ‘मलहम पट्टी’ की वीभत्स तस्वीरें...
घायलों में एक महिला सहित सालू कुशवाह, मुन्नी वाई कुशवाह, गजराज सिंह रावत, रायसिंह रावत और दीमान रावत शामिल हैं। इनका इलाज अस्पताल में न तो स्ट्रेचर पर हुआ, न ही किसी बेड पर—बल्कि सीधा ज़मीन पर लिटा कर किया गया। अस्पताल में सिर्फ एक स्ट्रेचर मौजूद था और बाकी सभी गंभीर घायलों को फर्श पर तड़पते हुए इलाज के लिए मजबूर कर दिया गया।
यह कैसा स्वास्थ्य केंद्र है, जहां इंसान की जान की कीमत एक बोरी से भी कम आंक ली जाती है?
स्थानीय लोगों की मदद से ही घायल अस्पताल तक पहुंचे और जब डॉक्टरों को फर्श पर पट्टी करते देखा गया तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। प्राथमिक इलाज के बाद सभी को शिवपुरी रेफर किया गया लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने एक कड़वा सच सामने ला दिया है—कि शिवपुरी जिले का स्वास्थ्य ढांचा पूरी तरह चरमरा चुका है।
जिम्मेदार कौन? कब होगा सस्पेंड?
शिवपुरी जिला अस्पताल से लेकर ब्लॉक और तहसील स्तर के अस्पतालों तक बदहाली का आलम है। लेकिन अधिकारी आंखें मूंद कर बैठे हैं। आखिर कब तक ये लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ती रहेगी? क्या इन हालातों में जिम्मेदार अधिकारी पर कोई कार्रवाई होगी या फिर इस बार भी मामला “जांच के बाद” रफा-दफा कर दिया जाएगा?
डॉ. संजय ऋषिश्वर सीएमएचओ
इस संबंध में सीएमएचओ से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वीडियो के सत्यता की पुष्टि करने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।
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