शिवपुरी में तात्या टोपे की 167वीं पुण्यतिथि पर शुरू हुआ दो दिवसीय शहीद मेला, मशाल यात्रा से लेकर श्रद्धांजलि तक दिखा देशभक्ति का रंग
शिवपुरी। अमर शहीद तात्या टोपे की 167वीं पुण्यतिथि के अवसर पर शिवपुरी में 18 अप्रैल से दो दिवसीय शहीद मेले का भव्य आगाज हुआ। इस मौके पर जिला जेल से मशाल यात्रा निकाली गई, जो शहर के प्रमुख रास्तों से होती हुई समाधि स्थल तक पहुंची। यात्रा में शामिल लोगों के चेहरों पर तात्या टोपे के बलिदान के प्रति श्रद्धा और सम्मान साफ झलक रहा था।
समाधि स्थल पर ध्वजारोहण, राष्ट्रगान और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ श्रद्धांजलि कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई। इसके बाद तात्या टोपे की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। कार्यक्रम में लोगों की बड़ी संख्या में मौजूदगी यह दिखा रही थी कि आज भी तात्या टोपे देशवासियों के दिलों में जिंदा हैं।
श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए इतिहासकार प्रो. दिग्विजय सिंह सिकरवार ने कहा, "अगर तात्या टोपे को धोखे से न पकड़ा गया होता, तो शायद भारत 1857 में ही स्वतंत्रता हासिल कर लेता।"
वहीं, पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने कहा, "तात्या टोपे न सिर्फ एक योद्धा थे, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा थे। आज जो हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं, वह उन्हीं जैसे वीरों की देन है।"
इस अवसर पर तात्या टोपे के प्रपौत्र सुभाष टोपे को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। आयोजन की इस भावनात्मक घड़ी में कई लोगों की आंखें नम नजर आईं। आयोजकों ने इसे इतिहास और वर्तमान को जोड़ने वाली एक खास कड़ी बताया।
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