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एम.पी. ट्रांस्को के कार्मिकों ने सीखीं जीवन रक्षक तकनीक

एम.पी. ट्रांस्को के कार्मिकों ने सीखीं जीवन रक्षक तकनीक


 शिवपुरी, 19 फरवरी 2025/ मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) एवं रेड क्रॉस सोसायटी व जिला चिकित्सालय के सहयोग से मध्यप्रदेश में एम.पी. ट्रांसको के जिला मुख्यालयों में स्थित ट्रांसमिशन लाइन मेंटेनेंस उप संभागों, सबस्टेशनों आदि में ‘‘सी.पी.आर. एवं अन्य ऐसे ही जीवन रक्षक तकनीकों‘‘ पर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किये जा रहें है। इसी क्रम में एक प्रशिक्षण कार्यशाला एमपी ट्रांसको एवं श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविघालय शिवपुरी के संयुक्त तत्वावधान में शिवपुरी में  आयोजित की गई।

 220 के.व्ही. सबस्टेशन शिवपुरी में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला के संयोजक शिवपुरी के कार्यपालन अभियंता अजीत वर्मा द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य एवं विषय की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए इस प्रशिक्षण पर प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी की मंशानुसार ‘‘ट्रांस्को के प्रशिक्षित व्यक्तियों में से अपने जीवनकाल में यदि कोई कर्मी किसी एक भी व्यक्ति की जान बचाने में सफल होता है तो कंपनी के लिये प्रशिक्षण का यह उद्देश्य पूर्णतः सफल होगा‘‘ से अवगत कराया। इस उपयोगी कार्यशाला में कंपनी के परीक्षण संभाग शिवपुरी एवं अति उच्चदाब संधारण उपसंभाग शिवपुरी के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियो को श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविघालय शिवपुरी की डॉ. शिल्पा अग्रवाल (विभागाध्यक्ष एवं सह प्रध्यापक, निश्चेतना विभाग) एवं डॉ. नीति अग्रवाल (सहप्रध्यापक, सर्जरी विभाग) द्वारा व्यवहारिक और उपयोगी प्रशिक्षण दिया गया।

शिवपुरी के कार्यपालन अभियंता अजीत वर्मा के सतत् प्रयासों से आयोजित कंपनी के कार्मिकों एवं समाज के लिए बहुउपयोगी एवं जीवनरक्षक इस कार्यशाला के सफल आयोजन में एम.पी. ट्रांसको के करीब 50 मेंटनेन्स, ऑपरेटिंग एवं सुरक्षा कर्मियों ने हिस्सा लिया। सी.पी.आर. प्रशिक्षण हेतु उपयोग किये जाने वाले मानव पुतले एवं कुछ वीडियों की सहायता से सी.पी.आर. तकनीक का विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि प्रत्येक प्रतिभागी ने विषय विशेषज्ञ की निगरानी में मानव पुतले पर सीपीआर तकनीक का अभ्यास किया एवं प्राथमिक उपचार संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया। अभ्यास के दौरान विषय विशेषज्ञ द्वारा प्रतिभागियों की शारीरिक मुद्रा एवं तकनीक उपयोग की बारीकी से जांच कर उन्हें सुधारा गया।

डाक्टरों द्वारा अन्य जीवन रक्षक तकनीकों यथा पानी में डूबे हुए व्यक्ति का बचाव, किसी भी प्रकार के शॉक लगने वाले व्यक्ति का बचाव, सिक्का या किसी अन्य वस्तु का गलती से श्वास नली में फंस जाने एवं चोट लगने पर उसका प्राथमिक उपचार इत्यादि पर विस्तृत जानकारी भी दी गई। प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान भी इस शिविर में किया गया।

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