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रसद माफिया पर कानूनी धाराएँ बढ़ाने की मांग को लेकर सहरिया क्रांति ने किया क्लेक्ट्रेट व एसपी आफिस पर प्रदर्शन

रसद माफिया पर कानूनी धाराएँ बढ़ाने की मांग को लेकर सहरिया क्रांति ने किया क्लेक्ट्रेट व एसपी आफिस पर प्रदर्शन


 

मामले की जांच जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व जांचदल से कराने किया प्रदर्शन

कलेक्टर ने कहा आपकी मांग स्वीकार है , एडीशनल एसपी ने कहा वरिष्ठ अधिकारी से कराएंगे जांच 

शिवपुरी, 24 दिसंबर 2024। सहरिया क्रांति आंदोलन के सदस्यों ने आज पीडीएस खाद्यान्न की खुर्दबुर्द के आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं किए जाने पर जिला कलेक्टर और एसपी के नाम ज्ञापन सौंपा। आंदोलन के सदस्यों ने प्रशासन से मामले की गंभीरता को समझते हुए निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई की मांग की है, ताकि गरीबों का हक सुरक्षित रहे और दोषियों को सजा मिले।

ज्ञापन में कहा गया कि शिवपुरी जिले में लगातार उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न की चोरी हो रही है। इस घोटाले में राशन की चोरी कर उसे गोदामों में एकत्रित किया जा रहा है और फिर उसे ब्लैक मार्केट में बेचा जा रहा है। सहरिया क्रांति ने जब इस मामले की तहकीकात की तो पाया कि यह सारा खेल पूंजीपतियों के गोदामों में चल रहा है। मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दी गई थी, लेकिन उचित कार्रवाई में लापरवाही बरती गई।

3 सितंबर, 2024 को सहरिया क्रांति के प्रतिनिधियों की सूचना पर नीमडांडा स्थित स्वास्तिक सोरटेक्स इंडस्ट्री में छापेमारी की गई। इस छापेमारी के दौरान 1418 क्विंटल गेहूं और चावल बरामद हुए, जो गरीबों के लिए पीडीएस के तहत वितरित किए जाने थे। लेकिन यह खाद्यान्न अवैध तरीके से परिवहन करके गोदाम में जमा किया जा रहा था। इस मामले में इंडस्ट्री के मालिक अभिषेक तायल और ट्रक मालिक संतोष तायल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन पुलिस की विवेचना और कार्रवाई बेहद कमजोर रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि जांचकर्ता आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। सहरिया क्रांति ने मांग की है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ और अधिक प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए, जैसे कि अमानत में खयानत, चोरी और धोखाधड़ी। इसके अलावा, खाद्यान्न की चोरी कहां से की गई और किन-किन उचित मूल्य दुकानों से राशन गायब हुआ, इस बारे में भी पूरी जांच की जाए।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि इस रैकेट में शामिल अन्य गुप्त सहयोगियों के नाम सार्वजनिक किए जाएं और उन्हें गिरफ्तार किया जाए। एक महिला, जो भोपाल से इस गिरोह का संचालन कर रही है और जिसकी कार छापेमारी में बरामद हुई, उसे अब तक आरोपी नहीं बनाया गया है। इसके अलावा, मुख्य आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और उनके संपत्ति और गोदामों की जांच की जानी चाहिए।

सहरिया क्रांति ने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले की विवेचना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा नहीं की गई, बल्कि थाना पुलिसकर्मियों द्वारा की जा रही है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। ज्ञापन में प्रशासन से यह भी अपील की गई कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए और इसमें खाद्य विभाग के कुछ अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाए, जो इस काले कारोबार में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, संतोष तायल और अभिषेक तायल के खिलाफ लंबे समय से चल रहे काले कारोबार की जांच होनी चाहिए, खासकर पिछोर और आसपास के क्षेत्रों में उनके द्वारा चलाए जा रहे गोदामों की।

सहरिया क्रांति के औतार भाई सहरिया, मोहर सिंह आदिवासी ,अजय आदिवासी ,जगतसिंह आदिवासी , केशव आदिवासी ,नीलेश आदिवासी , काडू आदिवासी ,शिशुपाल आदिवासी,सुरेन्द्र आदिवासी ,आदि  ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की जाती है, तो वे विशाल धरना और रैली का आयोजन करेंगे। उन्होंने प्रशासन से इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की, ताकि गरीब जनता का हक सुरक्षित रहे और दोषियों को कड़ी सजा मिले।

इस मामले में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर शिवपुरी के आदिवासी क्षेत्रों में गहरी नाराजगी है और सहरिया क्रांति के सदस्य अब प्रशासन के खिलाफ संघर्ष तेज करने की धमकी दे रहे हैं।

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