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रक्षक बना भक्षक राशन माफियाओं को बचाने में जुटे क्षेत्रीय कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी गौरव कदम

रक्षक बना भक्षक राशन माफियाओं को बचाने में जुटे क्षेत्रीय कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी गौरव कदम


 शिवपुरी। ग्राम मझेरा (कोड नंबर 502109) की सरकारी राशन दुकान में अनियमितताओं के गंभीर आरोप सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि दुकान में रिकॉर्ड में दर्ज खाद्यान्न का स्टॉक मौके पर मौजूद नहीं है। जांच अधिकारी गौरव कदम ने इस मामले की जांच की, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।सूत्रों के अनुसार, सरकारी रिकॉर्ड में 130 क्विंटल 84 किलो चावल,106 किंटल दर्ज हैं, लेकिन मौके पर इस मात्रा का चावल मौजूद नहीं है। इसी प्रकार, 2 क्विंटल 8 किलो बाजरा और 11 क्विंटल 68 किलो मूंग दाल भी गायब है। यह खाद्यान्न ग्रामीणों के लिए जीवनरेखा है, लेकिन इसे कथित रूप से बाजार में बेच दिया गया है।

ग्रामीणों  अजय ,जगतसिंह आदिवासी ने यह भी शिकायत की है कि दीपावली के मौके पर उन्हें शकर का वितरण नहीं किया गया। सरकारी नियमों के अनुसार त्योहारों पर शकर का वितरण आवश्यक है, लेकिन ग्राम मझेरा की दुकान में यह वितरण नहीं हुआ। गौरव कदम द्वारा मामले की जांच तो की गई, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह जांच केवल औपचारिकता थी। अधिकारियों ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। यह पहली बार नहीं है जब ऐसी अनियमितताएं सामने आई हैं। पहले भी अधिकारियों द्वारा ऐसी दुकानों की जांच कर उन्हें बचाने के आरोप लगते रहे हैं।

ग्रामवासियों ने इस घोटाले को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण गरीबों को उनके हक का राशन नहीं मिल पा रहा है। ग्रामवासी मांग कर रहे हैं कि इस मामले में दोषी दुकानदार और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस घटना ने प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी जानबूझकर मामले को दबा रहे हैं। सरकारी राशन वितरण योजना का उद्देश्य जरूरतमंदों तक सस्ता और सुलभ राशन पहुंचाना है, लेकिन इन अनियमितताओं के चलते गरीब वर्ग को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करता है। अगर इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो यह ग्रामीणों की आस्था पर गहरा आघात होगा और सरकारी योजनाओं की साख पर भी सवाल खड़े होंगे।ग्रामीणों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करे।

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