गट्टा फैक्ट्री का मामला अब एनजीटी में!
शिवपुरी में संचालित होने वाली गट्टा फैक्ट्री को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है आपको बता दें कि यह गट्टा फैक्ट्री का ककरवाया के सामने सीआरपीएफ कैंप के सामने है दो संचालित वहीं वही तीन फैक्ट्रियां यह गरिमा पेट्रोल पंप के आसपास है जो सतेरिया मुडेनी बांसखेड़ी राजश्री इन गांवों के लोगों आदि रूप से बीमार कर रही हैं और लोग इसकी शिकायत भी कर चुके हैं कहीं ना कहीं फैक्ट्री के मालिक को बड़ा संरक्षण है इसलिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है वही समाज सेवी एवं पत्रकार लक्ष्मण सिंह रावत का कहना है कि उन्होंने इसकी शिकायत एसडीएम शिवपुरी को लिखित में की है अगर कार्रवाई नहीं होती है तो वह एनजीटी में इसकी शिकायत करेंगे।
एनजीटी यानी राष्ट्रीय हरित अधिकरण, पर्यावरण से जुड़े मामलों को निपटाने वाला एक विशेष निकाय है:
एनजीटी की स्थापना 18 अक्टूबर, 2010 को हुई थी.
इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण, वनों और प्राकृतिक संसाधनों से जुड़े मामलों को तेज़ी से सुलझाना है.
एनजीटी, पर्यावरण से जुड़े कानूनी अधिकारों को लागू करता है.
यह व्यक्तियों और संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए मुआवज़ा और राहत देता है.
एनजीटी के अध्यक्ष की नियुक्ति केंद्र सरकार, भारत के मुख्य न्यायाधीश की सलाह से करती है.
एनजीटी के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल पांच साल का होता है.
एनजीटी के अध्यक्ष और सदस्य दोबारा नियुक्त नहीं हो सकते.
एनजीटी का मुख्यालय नई दिल्ली में है. इसके अलावा, भोपाल, पुणे, कोलकाता, और चेन्नई में भी इसकी बेंचें हैं.
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